|| श्री सीतारामाभ्यां नमः ||

|| श्री सीतारामाभ्यां नमः ||

|| श्री सीतारामाभ्यां नमः ||

श्री हनुमान गढ़ी

अयोध्या जी

सर्वगुणसम्पन्न श्रीहनुमान

समस्त भारतमें अञ्ञनीनन्दन पवनतनय श्रीहनुमानजीका महत्त्व पूजा एवं उपासनाकी दृष्टिसे अप्रतिम है। श्रीहनुमानजीके उपासक, पूजक न केवल सनातन- धर्मावलम्बी ही हैं, अपितु अन्य मतावलम्बी भी हैं। शाक्त, शैव आदि सम्प्रदायोंके लोग भी श्रीहनुमानजीकी पूजा-अर्चना श्रद्धासे करते हैं। शास्त्रका सिद्धान्त है कि ‘कार्य कारणमन्तरेण नोत्यद्यते ‘ अर्थात्‌ कोई भी कार्य कारणके बिना उत्पन्न नहीं होता। अतः […]

संकष्टमोचनस्तोत्रम्‌

संकष्टमोचनस्तोत्रम्‌  (ब्रह्मलीन काशीपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीमहेश्वरानन्दसरस्वतीविरचित) सिन्दूरपूररुचिरो बलवीरयय॑सिन्धुर्बुद्धिप्रवाहनिधिरद्धुतवैभवश्री: । दीनारतिदावदहनो वरदो वरेण्य: संकष्टमोचनविभुस्तनुतां शुभं नः॥१॥ जो सिन्दूर-स्रानसे सुन्दर देहयुक्त, बल-वीर्यके सागर, बुद्धि-प्रवाके आकर और अद्भुत ऐश्वर्यके धाम हैं, जो दीनोंके दुःखोंका नाश करनेके लिये दारुण दावानलके समान हैं तथा जो वरदान-तत्पर, सर्वकामपूरक, संकटघटाविदारक और सर्वव्यापी हैं, वे संकटमोचन प्रभु हमलोगोंके लिये मड्गरलकारी हों॥१॥ सोत्साहलड्वितमहार्णवपौरुषश्रीर्लझ्लपुरी […]

श्रीमदाद्य॒शंकराचार्यकृतं श्रीहनुमत्पञ्नरत्नस्तोत्रम्‌

वीताखिलविषयेच्छे जातानन्दाश्रुपुलकमत्यच्छम्‌। सीतापतिदूताद्य॑ _वातात्मजमद्य भावये. हद्मम्‌॥ १॥ तरुणारुणमुखकमलं करुणारसपूरपूरितापाड्म्‌ । संजीवनमाशासे मझ्जुलमहिमानमझ्जनाभाग्यम्‌॥ २॥ शम्बरवैरिशरातिगमम्बुजदलविपुललोचनोदारम्‌ । कम्बुगलमनिलटिष्टं बिम्बज्वलितोष्टमेकमवलम्बे ॥ ३ ॥ जिनके हृदयसे समस्त विषयोंकी इच्छा दूर हो गयी है, (श्रीरामके प्रेममें विभोर हो जानेके कारण) जिनके नेत्रोंमें आनन्दके आँसू और शरीरमें रोमाञ्न हो रहे हैं, जो अत्यन्त निर्मल हैं, सीतापति श्रीरामचन्द्रजीके प्रधान दूत हैं, मेरे […]

विभीषणकृतं हनुमत्स्तोत्र

नमो हनुमते तुभ्यं नमो मारुतसूनवे। नमः श्रीरामभक्ताय श्यामास्याय चर ते नम:॥ १॥ हनुमान! आपको नमस्कार है। मारुतनन्दन! आपको प्रणाम है। श्रीराम-भक्त! आपको अभिवादन है। आपके मुखका वर्ण श्याम है, आपको नमस्कार है॥१॥ नमो वानरवीराय सुग्रीवसख्यकारिणे। लड्ढाविदाहनार्थाय हेलासागरतारिणे॥ २॥ आप सुग्रीवके साथ (भगवान्‌ श्रीरामकी) मैत्रीके संस्थापक और लंकाको भस्म कर देनेके अभिप्रायसे खेल-ही-खेलमें महासागरको लाँघ जानेवाले […]